Innovation in Education (Shiksha me Navachar)

Shiksha me Navachar By Picnic Tours

PICNIC TOURS JAISI KUCHH INNOVATIVE GATIVDHIYAN STUDENTS KA UTSAH VARDHAN TO KARTI HI HAI, SAATH HI UNHE APNE PARIVESH KE PRATI BHI JAAGROOK BANAATI HAI.

शैक्षिक अनुसंधान और नवाचार

SHIKSHA ME NIT NAYE NAVACHARO KAI BAHUT ADHIK SAMBHAVNAAYEN HAIN.

BADALTE SAMAY KE SAATH NAYEEE NAYEE TAKNEEKO KA SHIKSHA ME PRAYOG HO RAHA HAI. SABSE MUKHYA BAAT HAI VIDYARTHIYO KA SARVAANGEEN VIKAS. EK SACHCHEE AUR UPYOGI SHIKSHA KI DISHA ME SARTHAK KADAM UTHANE HONGE.

The need of educational innovation

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Innovative teaching, innovative teaching methods and innovative learning are the need of time. In several innovative schools, we see the teachers using several innovative teaching methods and innovative teaching strategies as innovative lesson plans, innovative toys, and innovative teaching techniques. Many teachers have a lot of innovative teaching ideas and know many innovative teaching techniques, but they do not adopt these innovative teaching techniques in their classroom teaching. It is because of the hesitation to adopt an unknown teaching techniques. It is true that it is sometimes risky to follow innovative teaching strategies and innovative teaching techniques, but any unknown thing sometimes brings a new and very positive change in our life. We found various innovation examples here.

AnilSahu’s Education Blog

Yeh navachar innovation kya hai? (Navchar ka matlab Hindi me)

School navachar

Navachar ka matlab hai kuchh naya aur achchha karna. Shikshak yadi apne students ke liye kuchh achchha aur naya karna chahta hai, to samaj ko us nayi cheej ka swaagat karna chahiye. Yaha navachar ka arth hai kuchh aisi nayee cheejen karna jo aamtor par log nahi karte, parantu agar aisi nayee cheeje school me kee jayen to uska laabh bachcho ko jarur milega. Shiksha me navachar hona chahiye. Badalte samay aur samaj ki jarurato ke mutabik shiksha ko bhi nayepan aur navachar ki jarurat hoti hai.

Ye navachari gatividhiya kaee prakar ki ho sakti hai?

Mukhya baat hai bachcho ka sakaratmak vikas karna. Bachcho me achchhe naitik mulyo aur aadrsho ka vikas karna. Aise achchhe kaamo ke liye bhale hi government se kuchh rupaye na milen, magar aise achchhe kaamo ko karne ka aanand hi kuchh aur hota hai. Jo bachche aaj bachche hain, wahi kal ke aadarsh naagrik banenge.

We should welcome Innovation in Education.

Why do we need innovation in education? (In Hindi Shiksha me navachar ki jarurat)

We are watching many innovations in education. We see that many educational boards change their syllabus and adopt new methodologies. When we see much and many changes in education system, we surprised, and a few questions rose in our mind. “Why these changes are being?” What is the importance of these innovations? Let’s talk about innovation in education and the main points of educational innovations.

The needs of innovations: (In Hindi, Navachar ki aavashyakta)

The main point is that what the need of innovations. Is innovation useless or useful? What are the factors responsible for innovations? To explain these questions, we discuss three words; problems, solutions, and opportunities.

What is Innovation? (Hindi me)

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शिक्षा में नवाचार या शैक्षिक नवाचार

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शिक्षा में नवाचार या नवाचारी शिक्षा कोई नई अवधारणा नहीं है बस वर्तमान शिक्षण विधियों और पढ़ाने के तरीकों में कुछ नयापन और नवीनता का समावेश करके हम अपने विद्यार्थियों के कौशल में कुछ विकास कर सकते हैं।

नवाचार का क्या अर्थ है? क्या नवाचार कोई नई शिक्षण प्रविधि है?

वास्तव में शिक्षा का अर्थ ही व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास है। किताबी ज्ञान के अलावा विद्यार्थियों के व्यक्तित्व का सकारात्मक विकास करना भी शिक्षक की जिम्मेदारी होती है। अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए परंपरागत तरीकों के अलावा ऐसे नए तरीके भी खोजे जा सकते हैं जो विद्यार्थियों की प्रतिभा की पहचान करने में सक्षम हों। और ऐसे कुछ नए कार्य नवाचार की श्रेणी में आ सकते हैं।

Navacharo ka Shiksha me mahatva: Abhinav Shiksha Hindi Blog, Hindi me Education Website

नई चीजें किसे अच्छी नहीं लगतीं? अगर विद्यार्थियों को नई और रुचिकर विधियों से अध्यापन कराया जाए तो उनमें न केवल पढ़ाई के प्रति लगन पैदा होती है बल्कि वो जल्दी भी सीखते हैं. एक अच्छा शिक्षक वह होता है जो बाल मनोविज्ञान का अच्छा ज्ञाता भी हो. यह ब्लॉग इसी प्रकार की नवाचारी शिक्षण गतिविधियों के लिए समर्पित है. आप भी अगर शिक्षा में विशेषकर नवाचारी शिक्षा में रूचि रखते हों तो इस ब्लॉग में आपका स्वागत है. मैंने शुरुआत में यह ब्लॉग अंग्रेजी में डिजाईन किया है. हो सकता है भविष्य में आपको मेरे आलेख हिन्दी (Hindi) में भी पढ़ने को मिलें. अगर आपको यह ब्लॉग पसंद आये तो कृपया इसे अपने मित्रों में शेयर जरुर करें.

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शिक्षा में कई प्रकार के नवाचार किये जा सकते हैं. शैक्षिक भ्रमण (पिकनिक टूर) भी एक आकर्षक नवाचार है. वास्तव में स्कूल में एक ऐसा वातावरण होना चाहिए जो बच्चों के शारीरिक, बौद्धिक और आध्यात्मिक विकास के अनुकूल हो. स्चूलों में ऐसी पाठ्य सहगामी गतिविधियाँ होती रहना चाहिए जिससे बच्चों के व्यक्तित्व का बहुमुखी विकास हो. धन्यवाद.

विद्यालय के वातावरण का निर्माण

शिक्षक, समुदाय, बालक और पालक ये सभी मिलकर किसी विद्यालय के वातावरण का निर्माण करते है. अच्छी शिक्षा के लिए शिक्षक, समुदाय, विद्यार्थियों और पालकों के बीच अच्छे सामंजस्य की आवश्यकता होती है.

एक सफल संस्था प्रमुख स्वंय कितना काम करता है इससे कहीं अधिक महत्वपूर्ण यह होता है कि वह अपने सहकर्मियों से कितने और कैसे काम लेता है- मानवीय संसाधनों के कुशल उपयोग से शैक्षिक उद्देश्यों की प्राप्ति में चमत्कारिक उपलब्धियाँ प्राप्त की जा सकती हैं-

शिक्षा में नवाचारी गतिविधियों के लिए मानवीय संसाधन जैसे शिक्षक, पालक और खासकर विद्यार्थी बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं- कई बार बच्चे छोटे होने के बावजूद भी बड़ी उपलब्धियाँ प्राप्त करने में बड़ी भूमिका निभाते हैं- शिक्षकों का बच्चों से मधुर व्यवहार और सकारात्मक संवाद शैक्षिक उद्देश्यों की प्राप्ति में एक बहुत अच्छी भूमिका निभाते हैं- बच्चों की प्रतिभा को समझना और उनकी प्रतिभा का उचित उपयोग करना भी एक महत्वपूर्ण कौशल है.

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