स्कूलों में खेल का महत्व

Games activities in school in Hindi

स्कूलों में खेल का महत्व कितना अधिक है. खेलकूद एक आवश्यक और नवाचारी गतिविधि है. कई शिक्षकों को स्कूलों में खेल का महत्व समझ नहीं आता। उन्हें लगता है कि खेल गतिविधियों बेकार हैं। खेल गतिविधियों से छात्रों में टीम भावना और नेतृत्व कौशल विकसित होता है। स्कूल में विभिन्न स्थानीय खेल और इनडोर खेलों का आयोजन हो सकता है। खेल स्कूल की ओर छात्रों को आकर्षित करने के लिए एक महत्वपूर्ण गतिविधि है।

विद्यालयीन शिक्षा में खेल क्यों जरूरी हैं


खेल के माध्यम से स्कूलों में बालक - बालिकाएँ अपनी नैसर्गिक प्रवत्तियों एवं अपने संवेगों के प्रबन्धन को उत्तम दिशा देते हैं. यह एक सर्वसिद्ध तथ्य है कि खेलों का महत्व मानव जीवन में अनेक दृष्टिकोणों से शिक्षात्मक उपागम के रूप में है। विद्यालयीन शिक्षा में खेल क्यों जरूरी हैं? यह खेल ही हैं जो विद्यार्थियों को मूल्यवान मानवीय मूल्यों , भावनात्मक विकास , धैर्य , अनुशासन, मित्रता , सहयोग , ईमानदारी , प्रतिस्पर्धा एवं नेतृत्व व्यवहार जैसे गुण सरलता से सिखाने में सक्षम हैं.

 
Through sports, boys and girls in schools give the best direction to their natural tendencies and management of their emotions. It is a well-known fact that the importance of sports in human life as an educational approach from many perspectives. Why are sports important in school education? It is these games which are able to easily teach the qualities like human values, emotional development, patience, discipline, friendship, cooperation, honesty, competitiveness and leadership behavior to the students.



The best thing about sports is that instead of classroom teaching, students learn easily through games.


आधुनिक मनोवैज्ञानिक और शिक्षाविद बच्चों की शिक्षा में खेलों को विशेष महत्व देते हैं जो स्कूलों में खेलों के महत्व को समझने ले लिए एक supportive factor है. भारतीय शिक्षाविद गिजुभाई तो खेलों के माध्यम से शिक्षा देने के प्रबल हिमायती रहे हैं. शायद आपने गिजुभाई की पुस्तकें पढ़ी हों.

खेलों के बारे में गिजुभाई की अभिनव सोच


अगर आप गिजुभाई की किताबें पढ़ लेंगे तो शिक्षा में खेलों के अभिनव प्रयोग के बारे में आपकी सोच एकदम बदल जाएगी. गिजुभाई ने कहानियों के माध्यम से खेलों से बच्चों की सीखने की प्रगति एवं बच्चों के विकास को बड़ी कुशलता से वर्णित किया है.


श्री मैकडॉगल ने खेल को सामान्य और स्वाभाविक प्रवृत्ति कहा है। खेल सार्वभौम है और खेलने की प्रवृत्ति संसार के प्रत्येक जीव में पाई जाती है. ये कुछ बिंदु हैं जो स्कूलों में खेल के माध्यम से शिक्षा प्रदान करने का प्रबल समर्थन करते हैं.


Modern psychologists and educationists give special importance to sports in the education of children, which is a helpful factor to understand the importance of sports in schools. Indian educationist Gijubhai has been a strong advocate of education through sports. Perhaps you have read Gijubhai's books.


If you read Gijubhai's books, your thinking about the innovative use of sports in education will change completely. Gijubhai has very skillfully described the progress of children's learning and development of children through games through stories.


Mr McDougall has called sport a normal and natural instinct. The game is universal and the tendency to play is found in every living being of the world. These are some of the points which strongly support imparting education through sports in schools.

खेल किस तरह से नैतिक मूल्यों के संवर्धन के लिए आवश्यक होते हैं

नैतिक मूल्यों का विकास करने के लिए खेल एक अत्यंत प्रभावशाली माध्यम साबित होते हैं. यदि हम बच्चों को नैतिक शिक्षा के कई पाठ सिखाना चाहते हैं तो हमें अपने school की दिनचर्या में खेलों को शामिल करना पड़ेगा. आत्म नियंत्रण, सहनशीलता, ईमानदारी, सहयोग तथा निष्पक्षता जैसे अनेक गुणों का विकास खेलों के माध्यम से सहज ही होने लगता है.


Games are a vital parts in schools. Games play a great role to attract the students towards the school. What is your insight about this Hindi post?
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